छेरछेरा तिहार
छेरछेरा तिहार
छेरछेरा तिहार मनाबो न,
धान कूटे ल जाबो न।
देवी शाकम्भरी दाई ल,
सब्बो मिलके मनाबो न।1।
पूस पुन्नी के दिन मनाबो,
धरके झोला निकले सब्बो।
चलो संगी छेरछेरा मांगे जाबो,
टुकनी झोला भर भरके पाबो।2।
आज बने हे दान देवइया सब,
अउ बने हे छेरछेरा मँगईया सब।
कोनो के घर कोनो माँगय जावय,
मनखे मनखे म समता रहय अब।3।
कोनो बाजा-झांझ ढ़ोल तूमड़ा बजाय,
छेरछेरा माई कोठी के धान हेरहेरा नरियाय।
गाँव गली घर मंगवईया मन ले भर गे,
दान करय अऊ छेरछेरा तिहार मनावय।4।
छेरछेरा मांग के सब्बो धान बेच आगे,
सब्बो नोनी बाबू मन पईसा कउड़ी पागे।
धान पान ह सबके घर आगे जतनागे,
पुसपुन्नी आगे, चल संगी छेरछेरा मांगे।
