कैसे पाऊँ प्रिया तेरे अंक को और विश्रांति पाऊँ। कैसे पाऊँ प्रिया तेरे अंक को और विश्रांति पाऊँ।
आंखों में ढेरो स्वप्न संजो चली, पूर्ण करने की चाह लिए, उड़ती रही हूँ मैं बावरी । आंखों में ढेरो स्वप्न संजो चली, पूर्ण करने की चाह लिए, उड़ती रही हूँ मैं ...
मानव की मानवीयता का प्रतिहारी हूँ मैं, हाँ साँवरी हूँ मैं। मानव की मानवीयता का प्रतिहारी हूँ मैं, हाँ साँवरी हूँ मैं।
ढूँढे चलो एक दूजे को आरती अज़ानों में ढूँढे चलो एक दूजे को आरती अज़ानों में
रंग चढे तो उतरे नाहीं मै हो जाऊँ राधेश्याम। रंग चढे तो उतरे नाहीं मै हो जाऊँ राधेश्याम।
खोई सी बावरी सुंंदर सी सांवरी! खोई सी बावरी सुंंदर सी सांवरी!