बाबुल की लाडो साजन संग चली
बाबुल की लाडो साजन संग चली
बचपन का अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
अपनी चहक ले
अपनी महक ले
घर की रौनक
साजन संग चली
भैया का प्यार
बाबा का दुलार
छोड़ बाबुल का संसार
चली रे चली .....
बचपन की अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन घर चली
हर आंखों को दे आँसू का उपहार
ले दुआओं का अपार अंबार
घर को सूना सूना कर चली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
मां से लिपट कर जी भर कर रोई
दोनों एक दूजे का कंधा भिंगोई
बचपन से अब तक की सारी कहानी
निकल आईं आंखो से बनकर पानी
वो रूठना मनाना रानी बिटिया बताना
वो पहली तुतलाती स्वर से मां कहकर बुलाना
प्यारी कली आंचल के तले पली
छुड़ाकर अंगुली
साजन संग चली....
छोड़ कर सबका हाथ
होकर साजन के साथ
बिटिया पराई अपने घर को चली
बचपन की अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली___२
जोड़ो में बनकर कर के सोलह श्रृंगार
होकर पिया जी को तैयार
नाजुक कली फूल बनकर चली
बचपन की अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
छोड़ सावन का झूला
छोड़ सखियों की हँसी ठिठोली
बनकर दुल्हन.....
डोली में सवार होकर चली
बचपन की अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
रीत ही है ऐसी
किसने रीत ये बनाई
क्यो अपनी परछाई
चीज है पराई.....
हर दिल की दुआ है
नई ज़िन्दगी में प्यार ही प्यार मिले
कदम चूमे ख़ुशियाँ
मिट जाए सारे गीले
गम की नजर ना लगे
चहक हरदम रहे ....
हर दिल ये कहे हर दिल ये कहे
छुड़ाकर दामन
चली रे चली
बचपन का अंगना छोड़
छोड़ यादों की गली
बाबुल की लाडो
साजन संग चली
