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Anil Jaswal

Classics

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Anil Jaswal

Classics

असंभव को संभव।

असंभव को संभव।

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आज वो जमाना आया,

औरतों नेे हर काम में हाथ बढ़ाया,

ये है एक लम्बी सुची,

घर से लेकर बाहर तक,

शायद ही कोई विधा,

जिसमें औरत हुई हो असफल।


इसलिए मैं तो कहता,

ये औरत प्रधान समाज,

जब बच्चों की शिक्षा,

औरत बन जाती अध्यापिका,

जब कोई बीमारी,


तो औरत है डाक्टर,

जब पैसा चाहिए,

औरत होती बैंक,

अगर आ जाए कोई समस्या,

तो औरत संभालती प्रशासन,

अगर आए भविष्य की बात,

तो औरत बन जाती कैरियर एक्सपर्ट।


ऐसा लगताा

अगर कोई भी हो बच्चों की समस्या,

तो औरत से कोई नहीं बढ़िया,

तो फिर क्यों न कहें,

औरत नहींं

ये है सुुपर मोम।


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