अरमान
अरमान
ओढ़ लूँ बदन पर तुम्हें
आँचल बनाकर लाल मखमली
सजा लूँ माथे पर सजना तुम्हें
बनाकर सितारे सिंदूरी
रात की ख़ामोशी में
सुहागो वाली शहनाई बजे
अंधेरो की गुमनाम गली से
तुम्हारे अरमानो की, मेरी डोली उठे
सेज सजे ना सजे फूलों वाली
गजरा बनाकर बाहें तुम्हारी गुंथ लूंगी।
शृंगार जब कर लूंगी
आँखो मे तुम्हारे बस जाऊंगी
जेवर जो प्यार का तुम्हारे
मेरे तन पर सजे
क्या जरूरत है मुझे
हीरे- मोती के गहने पहनूं

