अपने अपने कर्म
अपने अपने कर्म
किसी से ईर्ष्या क्यों करनी हर किसी के अपने अपने कर्म है,
हर कोई अपने कर्मो के फल पा रहा जहान में,
कोई अगर हमसे आगे है बढ़ रहा तो ये उसकी मेहनत है,
कोई अगर हमसे पीछे है तो ये उसकी मेहनत है,
अपने से आगे वालो से ना कभी जलना,
अपने से पीछे वालो को ना कभी नीचा दिखाना,
बस ये ही शिक्षा मिली है हमको अपने माता पिता और गुरुओ से,
जितनी मेहनत करोगे उतने ही फल पाओगे तुम,
किसी से ईर्ष्या करके ना अपने कर्म खराब करना,
जिंदगी में कोई गलत काम ना करना ईर्ष्या करते करते,
जिंदगी हो जाएगी फिर बर्बाद और पछताना पड़ेगा अंत मे,
हर कोई अपनी अपनी काबलियत के हिसाब से फल पाता है,
नाम कमाना कोई बुरी बात नहीं उसके लिए खूब मेहनत करो,
किसी को मिल जाये ये कामयाबी छोटी सी उम्र में,
और किसी को मिलती है अपने अंतिम पड़ाव में,
फिर किसी की कामयाबी पर ईर्ष्या करके ना खुद का वक्त बर्बाद करो,
मेहनत करते जाओ एक रोज तो आसमान झुकेगा ही,
तेरे दामन में भी खुशियां ही खुशियां होंगी,
आज नहीं तो कल तेरे हर ख्वाब पूरे होंगे ही,
कोशिश करने वालो की जीत कभी ना कभी तो होगी ही।