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Lokeshwari Kashyap

Action Inspirational

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Lokeshwari Kashyap

Action Inspirational

अपना देश और विदेश

अपना देश और विदेश

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अपना प्यारा देश छोड़कर जो अभागे, बस जाते हैं विदेश l

तन बसता है उनका परदेस में, मन बसे है अपने ही देश l

अपने देश की मिट्टी, संस्कृति, सभ्यता को याद करके बैठ रोते है परदेश l

अपने देश आने पर, अपने ही लोग कहते हैं उन्हें बाबू विदेशी l


अपने देश की छटा निराली फिर क्यों जाना है तुम्हें विदेश l

प्राचीनतम है सभ्यता, संस्कृति यहां की जिसकी गौरव गाथा गाते विदेश l

विश्व गुरु कहलाता था जग में, सोने की चिड़िया अपना देश l

अपने देश हित में काम करो तुम, परचम लहरा दो देश-विदेश l


अपने सारे ज्ञान व समर्थ को, झोंकने मत जाया करो विदेश l

अपना सामर्थ्य और ऊर्जा यहां लगाओ करो समृद्ध तुम अपना देश l

हमारे देश की सभ्यता, एकता, समृद्धि, सामर्थ्य से नतमस्तक होंगे विदेश l

आज करें प्रतिज्ञा, अपने भुज बल से पुनः स्वर्णिम कर देंगे अपना देश l


भारत के इस चमन में बसते हैं रंग - बिरंगे फूल देश-विदेश से l

जग में सबसे प्यारा, न्यारा, वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखता अपना देश l

ऐसे प्यारे देश को अपने छोड़कर, कभी नहीं जाना तुम विदेश l

हमारी आन है, हमारी शान हैं, हमारी पहचान है, हमारा देश l



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