अंत की दस्तक
अंत की दस्तक
रूप बना लेता विकराल
बनकर आता यह जब काल
करता जिंदगी से क्रीडा
देता घणी-घणी पीड़ा
मौत से भी पहले
यह जिंदगी छीन लेता
सांसें लगे पराई
यह जीने नहीं देता
एक एक सांसों को
समेटने में लग जाते हैं
तंबाकू के पैकेट में
खुद को कैद पाते हैं
अपनों को भूल कर
जो लत हमने लगाई थी
आंखों के सामने
अब वह तो आई थी
अनसुनी कर गए
हम अपनों की बात
अब तो छुटेगा
बस अपनों का साथ
पछता रहे हैं
हम तो अब तक
कैंसर बन कर आया
नशा देने अंत की दस्तक।
