अनकहे रिश्ते
अनकहे रिश्ते
कुछ रिश्ते बेनाम रह जाते हैं
मगर कमाल के हक़ रखते हैं
मोहब्बत से ज़्यादा अहम हो जाते हैं,
दोस्त से ज़्यादा अज़ीज़ बन जाते हैं ।
होते नहीं करीब वो हर वक़्त
हमारे मगर दूर होकर भी
नज़दीकियों का एहसास दिलाते हैं !
दिल की हालत उनसे छुपाना
ना मुमकिन सा हो जाता है
ना जाने कैसे वो हाले दिल का
पता लगाते हैं।
समझ नहीं आता कैसे
किसी को बताएं सब कुछ होकर भी
ये रिश्ते अनकहे रिश्ते रह जाते हैं !