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Daisy Juneja

Drama

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Daisy Juneja

Drama

अनकहे क़िस्से

अनकहे क़िस्से

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दिल की

किताब ने

समेटे हैं

ना जाने

कितने ही

अधूरे से

अनकहे किस्से,


सहेजे हैं

पन्नों ने

बेइन्तहा

बेहिसाब

यादों के

ख़ूबसूरत

अनमोल हिस्से,


दिल की

जुबाँ ने

कुछ राज़

खोले हैं

एहसासों में डुब

रहते हैं

यादों की

किताब पे बिखरे,


परत दर परत

बस तुझे ही

समेटे हैं

दिल की

दराज़ में

महफूज़ है

कुछ मीठे लम्हे,


तन्हा रातों की

कालिमा से

लिखी है मैंने

गुमनामियों

के सफों पे

इश्क़ की

अधूरी रस्में,


पलकों से टूटे

कुछ तारे

कतारों में

अदब से

चले आते हैं

तेरे नाम पे

करने सज़दे।


आ लिख दूँ

मुकम्मल दास्ताँ

पुकारते है

तुझे मेरी

दिल की

किताब के

कुछ कोरे पन्ने,


आज़ ..

पढ़ने बैठी हूँ

फ़ुरसत में

हिस्सों में लिखे

तेरे मेरे

अनकहे क़िस्से .....।।


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