अनजानी मुलाकात
अनजानी मुलाकात


मैं अपनी ही धुन में मदहोश थी
सड़कों पर बेखौफ थी।
एक थपकी से अंजनी मुलाकात हुई
फिर धीरे-धीरे बातों की शुरुआत हुई।
कुछ पलों का मिलना था
अच्छा ये पहली बार था।
हल्की नादानी हँसी लिये
आँखों में भरी थी खुशी।
शरारत भरे अंदाज़ में
चुलबुले दो अनजान
इस भीड़ में
मिल इत्तफाक से,
कुछ मिनट भर की बातें हुई
एक अंजनी दस्तक लिये
मुलाकात कुछ इस कदर हुई
नज़रे शरमाते हुये।
चलते हैं अब मिलेंगे फ़िर
ये मुलाकात का आग़ाज़ हुआ।