सब मिलकर के दीये जलाओं, मां को खूब मनाओ।। सब मिलकर के दीये जलाओं, मां को खूब मनाओ।।
इसी पर सुखी जीवन की बुनियाद टिकी रहती है। इसी पर सुखी जीवन की बुनियाद टिकी रहती है।
क्योंकि अब हल्की आहटों से ही शुरु होता चीखों का नया दौर है ! क्योंकि अब हल्की आहटों से ही शुरु होता चीखों का नया दौर है !
ये मुलाकात का आग़ाज़ हुआ। ये मुलाकात का आग़ाज़ हुआ।
फूले पलाश बासन्ती गीत गाते अमलतास । फूले पलाश बासन्ती गीत गाते अमलतास ।
बस इतना ही है दर्द तो होता है। बस इतना ही है दर्द तो होता है।