अनजान राहें
अनजान राहें
अनजानी राहों पे चल देना अक्सर
अनजान लक्ष्यों के कुछ स्वप्न रचकर।
रह जाना बस इस सफर का ही बनकर
जाना इन राहों को, कुछ अपना देकर
ये अनजानी राहें, अनजाना सफर !
ले चले साथ किसको देखो थोड़ा ठहरकर
ये जग जैसे अथाह एक सागर,
हर पल है आती और जाती लहर,
कुछ पल जो इनके संग जाते गुज़र,
ये अनजानी राहें, अनजाना सफर !