STORYMIRROR

Garima Chourey

Inspirational Others

2  

Garima Chourey

Inspirational Others

वह दुःस्वप्न

वह दुःस्वप्न

1 min
158

तू जो अपने प्राण पण से

कर्म में संलग्न है,

तो ये दुःख कुछ भी नहीं

ये बस एक दुःस्वप्न है,


टूटे जो तंद्रा तो पायेगा

ये जीवन भी मात्र एक स्वप्न है

तू क्यों अपने प्राप्य हेतु

परम से कृतघ्न है


आते जाते दृश्य पर क्यों

इस तरह विषण्ण है

जो है तेरे वश में मात्र

वो तेरा प्रयत्न है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational