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Garima Chourey

Romance

2  

Garima Chourey

Romance

यादों का पावस

यादों का पावस

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जाने कहाँ खो गया

गहरा नीला आसमान

धूम्रवर्णी बादलों ने,

बरखा का किया आवाहन


किसकी भीगी पलकों के,

संदेशों का रख कर मान!

मन के अनचीन्हे कोनों में,

उतरा धूसर मेहमान!


चिर निस्पृन्द हृदय में किसने,

किया शर का संधान!

लौट पुरानी शाखों को ढूँढे,

क्यों ये मन का विहान


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