जीवन का कुरूक्षेत्र
जीवन का कुरूक्षेत्र
महाभारत का बस हिस्सा नहीं
कोई कहानी किस्सा नहीं,
जीवन के हर आयाम में
बसा हुआ है एक कुरुक्षेत्र!
इसमें उपस्थित सारे योद्धा
ढूंढ रहे हैं खुद को हर पल
क्या साक्षात्कार कर सके
खुद से,
पूछता है यह रणक्षेत्र!
कौन है जो न्याय के पथ पर
रह सका अविचलित होकर
सबको समान ही देख रहे हैं,
किसके निश्छल नेत्र !
कितने युद्धों की विभीषिकाएँ
झेल चुकी यह धरती माता
सबकी अनगिनत महत्वाकांक्षाएं
खोल न दें प्रलय का नेत्र !