व्यक्तित्व की सुरभि
व्यक्तित्व की सुरभि
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कोई व्यक्तित्व होता है ऐसा विरल,
जिसका अमृत, धो देता हर गरल,
झुक कर विरोधी भी करें उसको नमन,
ऐसा व्यक्तित्व सहज, सौम्य और निश्छल
ऐसी शक्ति नहीं बाहर से पाना सरल,
ये तो अंतर्चेतना की अभिव्यक्ति प्रबल,
अपने आदर्शों पर जो अडिग हो अंत तक,
उसकी आभा व्याप्त होती जैसे उत्पल
अपने कर्मपथ पर जो रहे दृढ़, अटल
उसको अपने ध्येय की होती उपलब्धि सरल
औरों का भी पथ प्रशस्त करती जिसकी उर्मियाँ,
उसके प्रयाण पर अम्बर भी होता है सजल