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अंदर की तन्हाइयााँ नहीं जाती

अंदर की तन्हाइयााँ नहीं जाती

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हर किसी से दिल की बात कही नहीं जाती

दर्द गर हद से बढ़ जाये तो सही नहीं जाती ।


रास्तो पर चलते-चलते हमसफ़र छूट जाते हैं

पर न जाने क्यों जेहन से उनकी यादें नहीं जाती।


उपवन में खिले फूल गर टूट जाते हैं

फूलों के टूट जाने से उपवन की महक नहीं जाती।


ये जो इश्क़ है,इसका मज़ाज़ कुछ ऐसा ही है

जो इसे समझ जाये ये इश्क़ उसी को दर्द दे जाती।


रोज़ रातों को अपनी पलके मूँदता तो हूँ

पर अब मुझे पहले जैसी नींद नहीं आती।


किसी इंसान के अंदर तन्हाइयाँ जब घर कर लेती हैं

तो लाख खुशी आये,पर अंदर की तन्हाइयाँ नहीं जाती।


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