STORYMIRROR

Neerja Sharma

Fantasy Inspirational Thriller

4  

Neerja Sharma

Fantasy Inspirational Thriller

अँधेरा

अँधेरा

1 min
24K

अँधेरा मुझे पसंद है 

समय देता है सोचने का 

चिंतन और मनन का 

उलझन सुलझाने का 

सवालों के जवाब ढूँढने का ।


जब जाती हूँ अंधेरे के आगोश में 

तब दे पाती हूँ खुद को समय 

सोचती हर बात को 

जोड़ती हूँ मन के तारों को 

और पा लेती हूँ जवाब

अनसुलझी पहेलियों का।


मैं और मेरी तन्हाई 

अक्सर इसी अंधेरे में 

खूब बातें करते हैं

जब हो जाता है मन शाँत 

चली जाती हूँ निंदिया के गोद में

नई सुबह के स्वप्न लेकर 

विदा कर देती हों अँधियारे को।


और फिर....

स्वागत इक नई सुबह का 

नये संकल्पों के साथ

लग जाती हूँ उसी दिनचर्या में ...


सच में ...

अगर अँधेरा न हो तो प्रकाश का

कौन करेगा इंतजार ?

और ..

अगर अँधेरा न होता तो

कैसे दूर होगी मन व तन की थकान ?


ज्ञान के प्रकाश के अज्ञानता का अँधेरा यदि हो जाए दूर तो

कोई अँधेरा मानव को डरा नहीं सकता ..यहाँ तक कि करोना का भूत भी नहीं ...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy