हर क़दम पर वक्त कभी एक-सा रहता नहीं हर क़दम पर वक्त कभी एक-सा रहता नहीं
नई सुबह के स्वप्न लेकर विदा कर देती हों अँधियारे को नई सुबह के स्वप्न लेकर विदा कर देती हों अँधियारे को
दुनिया के उलझनों से अब सुलझाना चाहती है दुनिया के उलझनों से अब सुलझाना चाहती है
तुम्हारी हाँ-ना की उलझन में, सुलझा लिया है खुद को, अब तुमको पा सकूँ या नहीं, पा लिया है खुद को ! तुम्हारी हाँ-ना की उलझन में, सुलझा लिया है खुद को, अब तुमको पा सकूँ या नहीं, ...
वर्तमान समस्या से जो हम सब रहें जूझ घर पर कोरोना से बचो रहो भीड़ से दूर। वर्तमान समस्या से जो हम सब रहें जूझ घर पर कोरोना से बचो रहो भीड़ से दूर।
कितनी ही मजबूरियाँ हो लेकिन खोने से पहले मिलना जरूरी है कितनी ही मजबूरियाँ हो लेकिन खोने से पहले मिलना जरूरी है