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ज्योति किरण

Others

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ज्योति किरण

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अनकहे रिश्ते

अनकहे रिश्ते

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कभी रूठते हैं हम, कभी मनाना पड़ता है।

न चाहते हुए दिल, कभी दुखाना पड़ता है।।

हर क़दम पर वक्त कभी एक-सा रहता नहीं

ख़ुद उलझनों में रह कर सुलझाना पड़ता है।।

बड़े ख़ुशनसीब होते हैं, कुछ अनकहे रिश्ते

जहां कभी भी न कुछ हमें समझाना पड़ता है।।



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