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Kavita Sharrma

Abstract

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Kavita Sharrma

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वर्तमान समय

वर्तमान समय

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वर्तमान समस्या से जो हम सब रहें जूझ

घर पर कोरोना से बचो रहो भीड़ से दूर

बाहर जाएं तो जिंदगी को दांव पर लगाएं

घर पर बैठे रहकर जीवन कैसे बचायें

बडी समस्या आन पडी है कैसे इसे सुलझाएं

अब तो ईश्वर ही बेड़ा पार लगाएं


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