STORYMIRROR

Nishigandha Kakade

Tragedy Others

2  

Nishigandha Kakade

Tragedy Others

अकेलापन !

अकेलापन !

1 min
158

खयाल आया तो क्या खूब आया,

बहुत रोने का दिल किया ,

पर एक बूंद आंसू भी ना आया,

हालात इस कदर खराब हुये, 

अफसोस तो ये है की,

कोई देखने भी नहीं आया,

जीना तो तनहा ही है, बस

उम्मीद लगाने वाला पागल बना,

एक बार फिर से इस लंबी सी जिंदगी में

अकेलेपन का सन्नाटा छाया!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy