अजन्मी पुकार
अजन्मी पुकार
माँ !
मैं बेटी तेरी
तेरा ही अंश हूँ
बेटा न सही पर वंश हूँ
मुझसे जुदा होकर
क्या तू जी पाएगी ?
हर पल क्या
मेरी याद न आएगी ?
ऐसी भी क्या मज़बूरी है
जो अबार्शन जरूरी है ?
मैं जैसा तुम कहोगी
वैसा ही कर जाऊँगी
न कभी तुझे सताऊँगी
बस एक बार मुझे आने दो
दुनिया को शक्ल दिखाने दो।
वादा तुझसे करती हूँ
तेरी पीड़ा सब हर लूँगी
बेटे से बढ़ तुझे प्यार मैं दूँगी।
आज गर तुम हारोगी
बेटी की हत्यारिन कहलाओगी
सब चैन, नींद खोकर अपना
कैसे तुम रह पाओगी।
माँ ! ओ माँ !
सुन लो अब मेरी पुकार
अबार्शन का न लाना विचार
आज जो तुझे बाधित कर रहे
कल वही तुझे कोसेंगे।
माँ मुझको दुनिया में आने दो
माँ मुझको दुनिया में आने दो।