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Anjali Jha

Romance

3  

Anjali Jha

Romance

अजनबी

अजनबी

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एक अजनबी से उस दिन मिली थी

ना कोई जान पहचान थी, और ना ही कभी मिली थी

सफ़र में थी और बात हो रही थी

बात इस कदर एक अजनबी से हो रही थी

मानों बरसों पुराने दोस्त से बात हो रही है

सफ़र भी लंबा था और हम लोगों की बातें भी लंबी हो रही थी

इंतज़ार करने का कोई मतलब नहीं था

बातों में ही हमलोग यूं ही मसगुल थे

और एक अजनबी न जाने कब परिचित बन गया पता न चला

सफ़र ख़त्म हुआ और अब विदा होने का वक्त था

पर यह किसे पता था दो सफ़र में रहने वाले लोग अब हमेशा के लिए हमसफ़र बनने वाले हैं।


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