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Anjali Jha

Abstract

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Anjali Jha

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स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस

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अब सरहद मिट गए

सारे भेद मिट गए

सारी दुरियां मिटाई है

अब दिल को तसल्ली मिली है

सिरमौर तो पहले भी अपना था

अब मैंने पगड़ी सजाई है

सहरा तो पहले से अपना था

अब दुलहन घर आई है

घर भेदी करने वाले 

अब तेरे पर कतरे मैंने

विषधारी तेरे फन कुचले

बाकी अब गिद्धों को इशारा है

गौर से देखो ऐ दुनिया वालो

अब यह कश्मीर भी हमारा है।



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