ऐसा लिखूँ मैं
ऐसा लिखूँ मैं
चाहत है कलम से अपनी इतिहास लिखूँ मैं,
बदल दूँ जमाने को कुछ खास लिखूँ मैं !
फिर जाम का नशा भी फीका-फीका सा लगे,
इस धरती माँ के रुदन का एहसास लिखूँ मैं !
चाहत है कलम से अपनी इतिहास लिखूँ मैं,
बदल दूँ जमाने को कुछ खास लिखूँ मैं !
फिर जाम का नशा भी फीका-फीका सा लगे,
इस धरती माँ के रुदन का एहसास लिखूँ मैं !