STORYMIRROR

ajad_e_kalam .

Abstract

4  

ajad_e_kalam .

Abstract

प्रेम

प्रेम

1 min
346

किसी के ना होने से एहसास होता है..

जैसे वो हमारे एकदम पास होता है..


रूह तलक झांककर कौन देखता है,

आसुओं से सब हिसाब होता है..


सभी आजकल गुलाब चुनते हैं,

कांटो पर किसका ध्यान होता है..


हकीम दवा का इंतजाम सब करते हैं,

असल में उस समय कौन साथ होता है..


मेरी मानो तो तुम इश्क़ कर लो,

तब देखना की क्या हालात होता है..


इश्क़ ही मुकम्मल रहता है हमेशा,

वरना जबरदस्ती में तो तलाक होता है.


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract