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Fardeen Ahmad

Drama Inspirational Others

3.5  

Fardeen Ahmad

Drama Inspirational Others

ऐ वक़्त!

ऐ वक़्त!

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ऐ वक़्त क्या है तेरे दिल में,

मुझे भी बता दे ज़रा सा,

तू कैसा होगा कुछ दिनों बाद,

बस यही सोच के हूँ मैं डरा सा!


तू आज कैसा है क्यों नहीं है,

इसकी परवाह मुझे।

बहुत कुछ है तेरे इर्द-गिर्द,

खबर ही नहीं मुझे!

बस तू कैसा होगा कुछ दिनों बाद,

मुझे भी बता दे ज़रा सा।

ऐ वक़्त, क्या है तेरे दिल में,


सुनता रहता हूँ सभी से,

तू ताक़तवर है बड़ा!

कई अज़ीम बादशाहों को,

कर दिया तूने रस्ते पे खड़ा,

किसी से सुना था मैंने,

ऐसा कि वक़्त सब का आता है।

बस इसी बात को संजीदगी से,

लेकर इक आस में हूँ पड़ा!


जिंदगी एक गाड़ी और

वक़्त उसका पहिया है,

गाड़ी जिसकी है वही उसका खेवैया है।

सामने खुला मैदान है,

जो कुछ दूरी के बाद अँधेरे की आग़ोश में है।

किसे पता आगे कांटे, पहाड़, खाई

या कोई गहरा सा दरिया है।


बेफ़जूल ही परेशान रहते है,

हम उसे सोचकर,

जो वक़्त है अँधेरे की आग़ोश में,

चलो जीते हैं कल की कश्मकश को छोड़कर

अभी के वक़्त को एक नए जोश में,


ऐ वक़्त नहीं जानना तेरे दिल में क्या है,

तुझे भी बता दूँ ज़रा सा!

तू कैसा होगा कुछ दिनों बाद,

बस यही सोच जीऊंगा आज मैं ज़रा सा,

ऐ वक़्त, नहीं जानना तेरे दिल में क्या है!


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