STORYMIRROR

Naushaba Suriya

Classics

4  

Naushaba Suriya

Classics

ऐ दुनिया वालों

ऐ दुनिया वालों

1 min
319

ऐ दुनियावालों

ऐ दुनियावालो मैं जानती मैं क्या हूँ मै कोन हूँ.

 मै Photography या कोइ मेकअप की दुकान नहीं,

मैं यादो को संजोरकर ना रखने वाली लड़की नहीं

मैं भटकती कोई आत्मा नहीं,


 मैं बचपन की नादान सी गुडीया नहीं तेनाली रामा सी

चाणक्य बुद्धी मेरी नहीं, 

मतलब की कुडीया नहीं काँच की चुडीया नहींं। 

मैं बादलो से टकराती हवी सी हूँ, 

मैं उड़ने वाला परिंदा हूँ


मैं समंदर से मिलने वाली नदी हूँ. 

मे कोयल की मीठी आवाज हू.

मैं जहर सी कडवी नहीं, 

ना मिठी सी मिठाई मै ईमली सी खट्टी मिट्टी हूँ


ऐ दुनियावालो मैं कोई कोहीनूर सा हिरा नहीं,

हा मैं कोयल सा काला हू,

मगर चरित्र पर कोई डाग नहीं

पत्थर सा कणसर हूँ 

मगर मे क्या मै कोण हू यह कोई सवाल नहींं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics