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Naushaba Suriya

Others

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Naushaba Suriya

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शोर...

शोर...

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दिल का शोर आंसू में बह जाता है

अल्फाज कुछ कहे,

इसके पहले ,

दिल का हाल बह जाता है।


अपनों के वार काटते है

सुकून के लिए हम भटकते है


दिन रात खुशियों के लिए भागते है

मगर मिलकर खुशियां नहीं बाटते


जख्मी दिल सबके कहलाते हैं

मजाल है कोई मलहम लगाए

हाल ए दिल बताए


जिंदगी क्या सुनाए 

शोर इतना है

की 

हाल ए दिल अश्क में बह जाए


हर मोड़ जीवन का देखा है

जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है


अपनो से दुश्मनी नहीं निभाई

खुदगर्जी कभी नहीं दिखाई 


धैर्य से खुद को सींचा है

हर मोड़ खड़ा रहना सीखा है

गम की वजह बने नहीं

गम बाटना सीखा है


दिल के शोर तो बहुत हैं जिंदगी में

मगर करते हैं स्वागत आंसुओं का भी हम

अधरों पर मुस्कान लिए



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