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Naushaba Suriya

Abstract

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Naushaba Suriya

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सहारा

सहारा

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लड़ा नहीं जाता अब हालात से

अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को

 संभाला नही जाता

मां की ममता का स्नेह अब

बताया नही जाता


अब बस दुआ वों का सहारा है

मन्नतो का आसरा है

वक्त के साये तले

हर शक्स का बेनकाब चेहरा है


अपनी तन्हाई में अब हम

टूटते हुए मोती मंजूर नहीं करते

लड़खड़ाते कदम हम कुबूल नही करते


चमकती थी आंखें कुछ ख्वाब के लिए

अब ये हालात हम मंजूर नहीं करते

अब खुदा से से यह राह फिरसे कुबूल नही करते


टूटते हुए सितारों का

अब बस आसमा सहारा है

चमकते हुए तारो का

उजाला भी अब गहरा है

अब हालातों से लड़ा नहीं जाता

अब बस दुआ वों का सहारा है।


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