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Naushaba Suriya

Abstract

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Naushaba Suriya

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नमी आंखें

नमी आंखें

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सहम जाती है आंखे मेरी

देखकर नए मोड़ की तस्वीर

डर जाती है आंखें मेरी

जिम्मेदारियों के दल दल से


यू तो खुदसे वादा है

सब संभालने का इरादा है

थक जाती है आंखे कभी

होती है जब मुझ में कमी


जिंदगी शिकायत तो कुछ नहीं

बस दर जाता है दिल

सहम जाती है आंखे


कभी आंखें भीग जाती है,

अल्फाज दिल पर हावी भी हो जाते हैं।


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