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Shalvi Singh

Romance Fantasy

2  

Shalvi Singh

Romance Fantasy

अगर कोई ऐसा हो !

अगर कोई ऐसा हो !

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अगर कोई ऐसा हो, जो अपना हो जाये

जिसे कबूल कर कहीं स्वयं में सुकून मिल जाए।

फिर उसकी दी हुई आत्म-सम्मान से भरी खूबियां

कहीं आप में ही समायोजित हो जाएं।

तो क्यों नहीं, मैं बार-बार प्रयास-रहित हो जाऊं,

उसे पा लेने की हर ख्वाहिश बन जाऊं।

फिर उसके जीने में, उसके होने में खुद को महसूस कराऊँ

और साथ रहकर उसमें ही महफूज होती जाऊँ



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