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Shalvi Singh

Drama Tragedy

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Shalvi Singh

Drama Tragedy

बाकी सबकुछ अधूरा सा रह गया

बाकी सबकुछ अधूरा सा रह गया

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आज आधी पूरी सी रह गयी है,

वो ख्वाबों की मेरी दुनिया जो तेरे संग कभी देखी थी मैंने

आज अधूरी सी हो गयी है वो दुआ जो तेरे संग की मांगी थी मैंने

अरे! मांगी तो वो कसमें भी थी, जो हमने खायी थी तुम्हारे साथ

और हाँ! वो वादे, उन्हें कैसे भूल सकती हूँ,

जो कभी किये थे एक- दूसरे से और इन सब में,

सबसे ज्यादा वो ख्वाहिशें जो मेरे मन में थी कभी

और हाँ, वो प्यार जिसे हम पूरा करना चाहते थे।

आज वो सब-कुछ अधूरा सा रह गया

और अगर कुछ पूरा हुआ भी है तो वो है,

हो रहा इस समाज में डर का ढोंग

इस समाज से बंधी बेड़ियाँ परम्पराओं की,

अगर पूरे हुए भी हैं,

तो बस उन चार लोगों के कभी न खत्म होने वाले ताने

इसलिए बाकी सब कुछ अधूरा से रह गया।।



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