ये आईना है या ये
ये आईना है या ये
ये आईना है या ये, ये कुछ बताता नहीं
लेकिन जितनी भी बार ये मुस्कुराई होंगी
ये उतनी ही बार जगमगा उठा होगा,
जैसे खुद ही शर्मा कर पूछ रहा हो!
कि अभी कबतक आप यूँ ही निहारेंगी खुद को
क्योंकि मैं तो बस जगमगा ही गया हो जैसे,
तुम खुद का बखान करवाती हो मुझ से!
अब बस भी करो! मैं शर्मा के झलक उठता हूँ, "बार- बार"
हाय! अब बस भी करो।
