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V. Aaradhyaa

Romance Fantasy

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V. Aaradhyaa

Romance Fantasy

हम उनके इश्क़ की गिरफ्त में हैं

हम उनके इश्क़ की गिरफ्त में हैं

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मन उनके इश्क़ की गिरफ्त में है,

कहीं छोटी शरारत सी हरकत है !


दरिया से भी गहरे ख्यालों में, 

लहरों सी ही उठती उल्फत है !


भावों से भरता खाली मन,

यूँ तो मन में बेशक नफरत है !


उठते और बैठते हो तुम दर दर ,

हमें इन्हीं बातों की तो कुल्फत है !


आते जाते हो तमाम तंग राहों में,

मेरी नज़रों से देखो तो अपगत है !


तेरी मेरी जब से यह उलझन है,

हालत खस्ता सी बनी अपहत है !


भय सा छाया है अब दिल में भी,

खो ना जाओ कहीं तुम ये दशहत है !


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