जान ए जानाँ
जान ए जानाँ
ब अंदाज़ ए मस्त चला, सू ए जान ए जानाँ को
दिल मचल उठा देख कर, कू ए जान ए जानाँ को
इक इक निगाह देखता रहा मू ए जान ए जानाँ को
हर तरफ़ महसूस कर रहा हूं बू ए जान ए जानाँ को
बज़्म ए यार सजी है कि कोई चांदनी रात आई है
सितारे खामुश है देख के, रू ए जान ए जानाँ को
महफ़िल से न उठा कि मदमस्त बैठा है हसन
बड़ी दिलकशी से आया हूं कू ए जान ए जानाँ को
सू ए जान ए जानाँ ( जान ए जानाँ की ओर )
कू ए जान ए जानाँ ( मेहबूब की गली )
मू ए जान ए जानाँ ( मेहबूब के बाल )
रू ए जान ए जानाँ ( मेहबूब का चेहरा )
