रेल यात्रा
रेल यात्रा
रेल यात्रा करने का अनुभव
अविस्मरणीय होता है
खेतों से खलिहानों तक
यह परिवर्तनीय होता है
लोहे की पटरी से होकर
सफ़र आरम्भ होता है
यात्रियों का जत्था
तब रवाना होता है
सामान लिए लोग
इधर-उधर भागते
सीट ढूंढ़ते दिखते हैं
सामान चढ़ाते दिखते हैं
मिल जाती जब सीट उन्हें
मुस्कान बिखेरे दिखते हैं
पी लेते दो घूंट पानी की
और
मुंह पोंछते दिखते हैं
कुछ देर सब ओर नज़र डालकर
आसपास बातों की महफ़िल जमती है
कभी व्यंग्य होता राजनीति पर .......
कभी मौसम की चर्चा होती है.........
हंसी के ठहाकों से
माहौल बन जाता है
इसी बीच होने लगता परिचय
व्यक्ति कोई अपना जान पड़ता है
गांव से शहर तक की बात होती है
शिक्षा से आजीविका तक साथ होती है
खाने - पीने में भी बहुत आनंद आता है
होता है उत्साह जब पैकेट बन्द आता है
राजधानी एक्सप्रेस की बात
कुछ और ही होती है
समय बचाती, एसी ऑन
इसमें न लगती जर्नी लॉन्ग
रेल यात्रा वैसे बड़ी मनोरम होती है
मनमोहक दृश्यों से यात्रा सुगम होती है
गंतव्य तक पहुंचने तक कई जगह घूम लेते हैं
प्रकृति के अनेक रंगों को हम चूम लेते हैं......।
