अग्निपरीक्षा
अग्निपरीक्षा
सिद्ध हुए हैं राम भी दोषी फिर क्यों पीड़ा सहनी होगी
आख़िर कब तक सीता को ही अग्निपरीक्षा देनी होगी।
बलात्कार करता है पुरुष क्यों नारी पर लांछन लगते हैं
जीवन मिला है दोनों को क्यों एक पे बन्धन लगते हैं।
दोनों के मिलन से जन्मी कन्या पर सास बहू को ही डांटे
भूल गई वो भी थी बेटी बेटी से ही प्यारे आंगन लगते हैं।
नारी को न्याय मिले इसकी जिम्मेदारी सबको लेनी होगी
आख़िर कब तक सीता को ही अग्निपरीक्षा देनी होगी।