STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

अधूरी मुलाकात

अधूरी मुलाकात

1 min
14

उसको मिलना चाहता था मै,
लेकिन मिलना बाकी रह गया,
पीछे मोडकर देखना चाहता था मै,
पीछे देखना ही मै भूल गया।

 रातभर खयालों में डुब रहा था मै,
 उसकी पहचान करना मै भूल गया,
अब कहां पर मिलेगी मुझ को वह,
 उसका पता पूछना मै भूल गया।

उसके ख्वाबों में मग्न बना था मै,
अपने अस्तित्व को भी मै भूल गया,
अचानक कोई मेरे सामने आया,
मेरे रोम रोम को लहरा गया।

उसके देखकर मदहोंश बना था मै,
दौड़कर उसकी बांहों में सिमटा गया,
मिलन जो मेरा अधूरा था "मुरली",
वह आज मैने पूरा कर ही लिया।

 रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ - गुजरात)


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama