अधूरापन
अधूरापन
मेरे अधूरेपन को
बरसों से ख्वाहिश थी
तेरे दीदार की,
कि जब मिलोगे
मुझे
मेरे ख्वाबों में,
शायद
तब मैं
खुद को पूरा पाऊंगा,
मगर
आस अधूरी रह गई
मेरी,
जब ख्वाब मेरा
तेरे आने के बेसब्री में
एक हल्की
आहट
पाकर
अधूरा ही टूट गया,
और
मिलने की आस
लबों पर मेरे
हर बार
ख्वाहिश बन
जाती रही,
दिल बेचारा
धम्म से बैठा
कोने में
एक
अधूरापन लिए।
