उसे लम्बे लम्बे ईमेल भेजना उसे अपनी हर रचना का पात्र बनाना उसे लम्बे लम्बे ईमेल भेजना उसे अपनी हर रचना का पात्र बनाना
जब मिलोगे मुझे मेरे ख्वाबों में, शायद तब मैं खुद को पूरा पाऊंगा जब मिलोगे मुझे मेरे ख्वाबों में, शायद तब मैं खुद को पूरा पाऊंगा
हे हरि तेरे द्वार पे हूं किवाड़ खटखटाएं कैसे हे हरि तेरे द्वार पे हूं किवाड़ खटखटाएं कैसे
वो मोहब्बत ही क्या जो आपको बदल ना दे वो मोहब्बत ही क्या जिसके लिए आप बदलना भी ना चाहो... वो मोहब्बत ही क्या जो आपको बदल ना दे वो मोहब्बत ही क्या जिसके लिए आप बदलना भी ...
फिर मिलने का बेसब्री से इंतजार होता है क्या कहे धीरे धीरे ही तो प्यार होता है फिर मिलने का बेसब्री से इंतजार होता है क्या कहे धीरे धीरे ही तो प्यार होता है
अंधेरा पल भर में समा जाती है सदा के लिये उदित होती है सत्य की वो रोशनी। अंधेरा पल भर में समा जाती है सदा के लिये उदित होती है सत्य की वो रोशनी।