अधूरा जवाब
अधूरा जवाब
आधा अधूरा उसका जवाब सुनकर उनके भाव हम समझ जाते हैं,
प्रेम शब्द का अर्थ यही हम प्यार से सभी रिश्तों को यहाँ निभाते हैं,
सपनों के झरोखों से जब मैंने झांका उसके अस्तित्व को आंका था,
देखकर कुछ पल थम कर ख्वाबों की सतरंगी रंगों को बुनना चाहा,
आधा अधूरा उसका जवाब सुनकर उसके भावों को समझना चाहा,
जब सामने आती है वो शीतल बरखा बनकर बरस जाती है मन में,
हर सुख में साथ दिया उसने कभी ना साथ छोड़ा किसी भी गम में,
गुजरे समय के स्मृति चिह्नों की यादें अभी भी छिपी है उसके मन में,
मैंने उनके अधूरे जवाबों से ही सीखकर अपने सपनों को पिरोया है,
रात अंधेरे में जब हर भाव बह जाते हर भावों को दिल से संजोया है,
अपने मन की नगरी में उसकी यादों का प्रतिबिंब मैंने संजो रखा है,
आधा अधूरा सा जवाब सुनकर उसके हर भावों को संभाल रखा है,
बागों की वो सुंदर कलियाँ बिन फागुन के ही जब खिल जाती हैं,
उनके जवाब की ये सुखद कल्पना जीने की एक नई राह दिखाते हैं!!