अधूरा दिन
अधूरा दिन
लगता है अधूरा दिन जब याद नहीं करते
ख्यालों से हमें अपने आज़ाद नहीं करते।
ख़्वाहिशें हजारों बहकी हुई हैं आँखों में
खो कर भी कोई पल हम बर्बाद नहीं करते।
इतवार को भी यादों से सुकूँ नहीं मिलता
पहलू में तेरे आकर हम शाद नहीं करते।
उम्मीद पे आने की रिश्ता ये रखा क़ायम
हम आह तो करते है फ़रियाद नहीं करते।
परवाह मेरी करना तुम चाँद चमकने तक
हैं इश्क "नीतू" तुमसे नाशाद नहीं करते।

