उम्मीद पे आने की रिश्ता ये रखा क़ायम हम आह तो करते है फ़रियाद नहीं करते। उम्मीद पे आने की रिश्ता ये रखा क़ायम हम आह तो करते है फ़रियाद नहीं करते।
चुप्पियाँ भी कई बार गुनाह कर गुजरती हैं किसी की जान जा रही है कुछ तो कहो . चुप्पियाँ भी कई बार गुनाह कर गुजरती हैं किसी की जान जा रही है कुछ तो कहो .