अधिकार तुम्हारे हाथों में
अधिकार तुम्हारे हाथों में
तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का अधिकार तुम्हारे हाथों मे
पहचान हमारे होने की, आधार, तुम्हारे हाथों में ।
तुमने जब सबका साथ कहा मन मोर हमारे नाच उठे
नजरों के भाव तुम्हारे हम गीता के जैसे बांच उठे
फिर धर्म हमारा देख रहा उद्धार तुम्हारे हाथों में ।१
तुमने सबका विश्वास कहा हमने दृग बंद किए अपने
सुनकर बिकास की बोली हम बिकने के देख रहे सपने
अब तो सारा ही आया है बाजार तुम्हारे हाथों में ।२
हम सदा आत्मनिर्भर ही थे, हम ही तो राम भरोसे हैं
हमने ही राजे रजवाड़े दुनिया के पाले पोसे हैं
अब दे दी है हमने ही तो सरकार तुम्हारे हाथों में ।३
तुम ही छप्पन के स्वामी हो सो छप्पन भोग तुम्हें
परसे तुमको नभयान दिलाकर भी हम दाने-दाने को तरसे
तुम कहो रखेंगे सिर के भी उपहार तुम्हारे हाथों में ।४
अब सौंप दिया इस जीवन का अधिकार तुम्हारे हाथों में
पहचान हमारे होने की आधार तुम्हारे हाथों में।