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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Tragedy

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Tragedy

अब वो मोती कहाँ

अब वो मोती कहाँ

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जो बिन मांगे मिले अब वो मोती कहाँ

मांगे तो भी ना मिले अब वो होती यहाँ 

जब तक नहीं है कोई उनका फायदा 

वो फिर कहाँ सोचे सबका फायदा 

मर जाये अन्नादाता उनके मुकाम पर 

जो भी हो अंजाम सबके मकान पर 

क्या मिल गया उनको सुकुन इस तरह 

रो पडा है किसान का जुनुन इस तरह!!


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