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Rajit ram Ranjan

Tragedy

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Rajit ram Ranjan

Tragedy

अब मुझसे नहीं होगा.... !

अब मुझसे नहीं होगा.... !

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ये रोज-रोज का रूठना मनाना अब मुझसे नहीं होगा....!

गर कर लिये ब्रेकअप तो इश्क़ फिर कहाँ होगा....!

हमदर्द,हमराही मानते थे जिसे वही गुनेहगार हो गया, 

अच्छा-भला जी रहा था,मैं तो बेकार हो गया, 

इस दर्दे-ऐ-दिल को फिर कैसे करार होगा.... !

ये रोज-रोज का रूठना मनाना अब मुझसे नहीं होगा....!

ये दिल में जो खालीपन हैं,मन में जो सूनापन हैं, 

उनकी ही बदौलत हैं, 

उनके बिन अब जीना भी क्या जीना होगा....!

घुट-घुट के जुदाई का जहर अब पीना होगा, 

ये रोज-रोज का रूठना मनाना अब मुझसे नहीं होगा....!



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