आस्तीन के सांप
आस्तीन के सांप
पर्दो में छुपा लिबाज़ नहीं है हम,
जरूर वाह वाही से घुली मिठास नहीं हम,
अंदाज़ जो ज़रा ज़रा में बदले,
वैसे सुरत ए शक्स भी नहीं है हम,
थोड़ा मिले, थोड़ा ठहरे और थोड़ा खुले,
पर जो रह के भी विष दे जाएं,
वो आस्तीन के सांप नहीं है हम।
